नीचे लिखी पंक्तियों का भाव स्पष्ट कीजिए-

नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै

इसका आशय है कि ईश्वर बिना किसी से डरे नीच को भी ऊंची पदवी प्रदान करता है। गरीबों का दुख दर्द समझने वाले प्रभु उन्हें संकटों से मुक्त करता है। ईश्वर की भक्ति करने वाले प्रत्येक मानव उसकी नजर में समान है। इस पंक्ति में उसने ईश्वर को गोबिंद के नाम से संबोधित करते हुए कहा है कि भगवान बिना किसी से डरे नीच को भी ऊंचा बना सकते हैं।


1